Author: Mohit Mehta

इक लेखक होना भी आसान नहीं होता रातभर जागता है दिन में भी नहीं सोता ग़म आँसू पीड़ा और वेदनाओं को लिखता है दिल में दर्द रहता है पर आँखों से नहीं रोता ।।